अभिप्रेरणा (motivation)वह कारण है जिसके कारण मनुष्य और अन्य जानवर एक निश्चित समय पर किसी व्यवहार को आरंभ, जारी या समाप्त करते हैं। प्रेरक अवस्थाओं को आमतौर पर एजेंट के भीतर काम करने वाली ताकतों के रूप में समझा जाता है जो लक्ष्य-निर्देशित व्यवहार में संलग्न होने के लिए एक स्वभाव पैदा करती हैं। अक्सर यह माना जाता है कि विभिन्न मानसिक अवस्थाएं एक-दूसरे के साथ प्रतिस्पर्धा करती हैं और केवल सबसे मजबूत अवस्था ही व्यवहार को निर्धारित करती है। इसका मतलब यह है कि हम वास्तव में कुछ किए बिना कुछ करने के लिए प्रेरित हो सकते हैं। प्रेरणा प्रदान करने वाली प्रतिमानात्मक मानसिक स्थिति इच्छा है। लेकिन विभिन्न अन्य स्थितियाँ, जैसे कि किसी को क्या करना चाहिए या इरादे के बारे में विश्वास भी प्रेरणा प्रदान कर सकते हैं। प्रेरणा 'मकसद' शब्द से ली गई है, जो किसी व्यक्ति की जरूरतों, इच्छाओं, चाहतों या आग्रहों को दर्शाता है। यह किसी लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए व्यक्तियों को कार्रवाई करने के लिए प्रेरित करने की प्रक्रिया है। नौकरी के लक्ष्यों के संदर्भ में लोगों के व्यवहार को बढ़ावा देने वाले मनोवैज्ञानिक तत्वों में धन की इच्छा शामिल हो सकती है।प्रेरक राज्यों की सामग्री के संबंध में विभिन्न प्रतिस्पर्धी सिद्धांत प्रस्तावित किए गए हैं। उन्हें सामग्री सिद्धांतों के रूप में जाना जाता है और इसका उद्देश्य यह वर्णन करना है कि कौन से लक्ष्य आमतौर पर या हमेशा लोगों को प्रेरित करते हैं। उदाहरण के लिए, इब्राहीम मास्लो की जरूरतों का पदानुक्रम और ईआरजी सिद्धांत, यह मानते हैं कि मनुष्यों की कुछ ज़रूरतें हैं, जो प्रेरणा के लिए जिम्मेदार हैं। इनमें से कुछ जरूरतें, जैसे भोजन और पानी, अन्य जरूरतों की तुलना में अधिक बुनियादी हैं, जैसे दूसरों से सम्मान के लिए। इस दृष्टि से, उच्च आवश्यकताएँ तभी प्रेरणा प्रदान कर सकती हैं जब निम्न आवश्यकताएँ पूरी हो जाएँ।व्यवहारवादी सिद्धांत सचेत मानसिक अवस्थाओं के स्पष्ट संदर्भ के बिना केवल स्थिति और बाहरी, अवलोकनीय व्यवहार के बीच संबंध के संदर्भ में व्यवहार की व्याख्या करने का प्रयास करते हैं।
😎• मुश्किलों से भाग जाना आसान होता है,
हर पहलू ज़िन्दगी का इम्तेहान होता है,
डरने वालों को मिलता नहीं कुछ ज़िन्दगी में,
लड़ने वाले के कदमों में जहान होता है|
😎• अपने हौसले बुलंद कर,
मंज़िल तेरे बहुत करीब है,
बस आगे बड़ता जा,यह मंज़िल ही तेरा नसीब है।
😎• बे वज़ह दिल को ना भारी रखिए,
ज़िंदगी जंग है जंग को जारी रखिए,
कितने दिन जिएगे इसकी ना फ़िक्र कीजे,
आज कैसे जिए बस इसकी शुमारी रखिए।
ज़िंदगी जंग है जंग को जारी रखिए,
कितने दिन जिएगे इसकी ना फ़िक्र कीजे,
आज कैसे जिए बस इसकी शुमारी रखिए।
😎• दुनिया का हर शौक पाला नहीं जाता,
कांच के खिलोनो को हवा में उछाला नहीं जाता,
मेहनत करने से मुश्किलें हो जाती है आसान,
क्योंकि हर काम तकदीर पे टाला नहीं जाता।
कांच के खिलोनो को हवा में उछाला नहीं जाता,
मेहनत करने से मुश्किलें हो जाती है आसान,
क्योंकि हर काम तकदीर पे टाला नहीं जाता।
😎• आंधियों को जिद है जहां बिजलियां गिराने की,
मुझे भी जिद है, वही आशियां बसाने की,
हिम्मत और हौंसले बुलंद है,
खड़ा हूँ अभी गिरा नही हूँ,
अभी जंग बाकी है, और मै हारा भी नही हूँ।
मुझे भी जिद है, वही आशियां बसाने की,
हिम्मत और हौंसले बुलंद है,
खड़ा हूँ अभी गिरा नही हूँ,
अभी जंग बाकी है, और मै हारा भी नही हूँ।
😎• काम करो ऐसा कि पहचान बन जाये,
हर कदम ऐसा चलो कि निशान बन जाये,
यहाँ ज़िन्दगी तो हर कोई काट लेता है,
ज़िन्दगी जियो इस कदर की मिसाल बन जाये।
हर कदम ऐसा चलो कि निशान बन जाये,
यहाँ ज़िन्दगी तो हर कोई काट लेता है,
ज़िन्दगी जियो इस कदर की मिसाल बन जाये।
😎• कितना भी दलदल हो जीवन में ,
पैर बिलकुल जमाये ही रखना
चाहे हाथ खाली हो जीवन में
फिर भी देने के लिए उठाये रखना।
पैर बिलकुल जमाये ही रखना
चाहे हाथ खाली हो जीवन में
फिर भी देने के लिए उठाये रखना।
😎• हथली पर रखकर नसीब,
तू क्यों अपना मुकद्दर ढूंढता है,
जरा सीख उस समंदर से,
जो टकराने के लिये पत्थर ढूंढता है।
तू क्यों अपना मुकद्दर ढूंढता है,
जरा सीख उस समंदर से,
जो टकराने के लिये पत्थर ढूंढता है।
😎• खुल कर तारीफ भी किया करो,
दिल खोल हंस भी दिया करो,
क्यों बांध के खुद को रखते हो,
पंछी की तरह भी जिया करो।
दिल खोल हंस भी दिया करो,
क्यों बांध के खुद को रखते हो,
पंछी की तरह भी जिया करो।
😎• राह संघर्ष की जो चलता है,
वहीं संसार को बदलता है,
जिसने रातों में जंग जीती है,
सूर्य बनकर वही निकलता है !
10 heartbroken shayri
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